“आत्मसम्मान”
“तुमको क्या लगा कि तुम्हारे साथ रहता हूँ तो मेरा कोई अस्तित्व ही नहीं है। यह सोचना तुम्हारा भूल भ्रम है। मैंने परिस्थिति वश निर्णय लिया तुम्हारे साथ रहने का समझी।” शादी के बाद पहली बार अनुज को इस तरह आग बबूला होते हुए देखा था दीप्ती ने । वह आवाक सी मूंह खोले […]